इस तरह बीमारियों को लाइलाज बना देते हैं सुपरबग्‍स

इस तरह बीमारियों को लाइलाज बना देते हैं सुपरबग्‍स

सेहतराग टीम 

वैज्ञानिकों ने हाथ से बने एक अति सूक्ष्मदर्शी के इस्तेमाल से यह पता लगा लिया है कि कैसे रोगाणुरोधी प्रतिरोधी जीवाणु (सुपरबग्‍स) शरीर के रोग प्रतिरोधी तंत्र यानी रेसिस्‍टेंस पावर के खिलाफ एक दीवार बनाने में सक्षम हो जाते हैं जिससे खतरनाक बीमारियां लाइलाज हो जाती हैं। गौरतलब है कि शरीर का रोग प्रतिरोधी तं‍त्र हमें किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाता है मगर ऐसे रोगाणुरोधी प्रतिरोधी जीवाणु यानी कि सुपरबग्‍स जिनपर एंटीबायोटिक्‍स भी बेअसर हो चुकी होती हैं, इस तंत्र को नाकाम करने में सक्षम हो जाते हैं।

रोगाणुरोधी प्रतिरोधी ‘सुपरबग्स’ को समझने की एक अहम कड़ी उस बाहरी सतह को गहन विस्तार से समझने से जुड़ी है जो वे मानव प्रतिरोधी तंत्र में बनाते हैं। 

ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जीवाणु ई-कोलाई की बाहरी सतह की पहली नैनोस्केल पड़ताल की और ‘बीटा - बैरल असेंबली मशीन्स’ की उच्च संगठित परिसीमा की खोज की जो जिवाणु की कोशिका की सतह को बनाता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के खिलाफ ये जीवाणु अपने चारों ओर एक अभेद्य दीवार बना लेते हैं।

मोनाशा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ट्रेवोर लिथगो ने कहा कि सेल रिपोर्ट्स नाम के जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन ‘यह जानने की दिशा में एक बड़ा कदम है कि कैसे ये जीवाणु रोग प्रतिरोधी तंत्र के खिलाफ एक दीवार बनाते हैं। इसे सुपरबग्स के रास्ते को रोकने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है।’ 

अब जबकि वैज्ञानिक ये जानने में कामयाब हो गए हैं कि रोग प्रतिरोधी क्षमता के खिलाफ किस प्रकार ये अभेद्य दीवार ये सुपरबग्‍स बनाते हैं तो भविष्‍य में इस दीवार को भेदने की क्षमता विकसित की जा सकती है और तब लाइलाज बीमारियों का इलाज भी संभव बनाया जा सकता है।

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